बांध में खेती करने दबंग हर साल बहाते हैं पानी
पन्ना.
सिंचाई विभाग के पवैया बांध को गांव के ही दबंगों ने बिस्फोट करके तोड़ दिया है, जिससे बांध का पानी अनावश्यक रूप से बहकर किसानों के खेतों में भर रहा है. खेतों में पानी भर जाने से रबी सीजन की बोनी पिछड़ रही है जिससे किसान चिंतित और परेशान हैं.
उल्लेखनीय है कि सैकडों एकड़ कृषि भूमि को सिंचित करने की क्षमता वाला सिंचाई विभाग का पवैया बांध इस वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण डबाडब भरा हुआ था. लेकिन विगत कई वर्षों से इस बांध की उपजाऊ भूमि में खेती करने वाले दबंगों ने खेती के लिए भूमि खाली करने के लिए डायनामइट से बांध का स्लूस ही तोड़ दिया. विस्फोट के द्वारा स्लूस तोड़े जाने की यह वारदात 23 अक्टूबर की रात्रि में हुई, फलस्वरूप बांध का पानी निकलकर आसपास के खेतों में भर गया है. ग्रामीणों के मुताबिक दबंगों द्वारा बांघ का पानी विगत एक दशक से भी अधिक समय से निकाला जा रहा है, लेकिन पहली बार उन्होंने बिस्फोट करके बांध का स्लूस तोड़ा है. इसके पूर्व स्लूस गेट निकालकर बांध का पानी बहाया जाता रहा है.
जिस बांध के पानी से रबी सीजन की फसलों की सिंचाई होनी चाहिए, उस पानी को समय से पहले ही बहाकर बर्बाद कर दिया जाता है और सिंचाई विभाग के अधिकारी सिर्फ मूक दर्शक बने रहते हैं. पीडि़त किसानों का कहना है कि गांव के दबंग सिर्फ बांध की भूमि में खेती करने के मकसद से हर साल यह हरकत करते हैं और बांध का पानी अनावश्यक रूप से बहकर दर्जनों किसानों के लिए मुसीबत बन जाता है. किसानों ने बताया कि रबी फसलों की बोनी का काम शुरू हो गया है. ऐसे समय जब खेतों में बोनी करनी थी, बांध का पानी भर गया है, जिससे बोनी पिछड़ जायेगी. इसका परिणाम यह होगा कि फसलों के उत्पादन में भारी कमी आयेगी, लेकिन पीडि़त किसानों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है.
नहर की सालों से नहीं हुई सफाई
पवैध बांध से निकली नहर की विगत कई वर्षांे से साफ - सफाई व मेन्टेनेन्स का काम नहीं हुआ. पूरी नहर जहां जगह - जगह टूटी - फूटी व क्षतिग्रस्त है वहीं झाड़ झंखाड़ से पटी हुई है. ऐसी स्थिति में इस नहर का उपयोग सिंचाई कार्य हेतु बहुत ही कम हो पाता है. क्षतिग्रस्त नहर से बांध का पानी अनावश्यक रूप से जहां - तहां बहता रहता है. जिससे जरूरत मंद किसानों को बांध का पानी सिंचाई के लिए नहीं मिल पाता. सवाल यह उठता है कि सिंचाई विभाग द्वारा बांध की निगरानी क्यों नहीं की जाती तथा बांध की भूमि में खेती करने के लिए हर साल बांध का पानी वाले दबंगों को रोकने हेतु प्रभावी और ठोस कदम क्यों नहीं उठाये जाते हैं? विभग के जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता व लापरवाही का ही यह परिणाम है कि दबंगों के हौसले इस कदर बढ़ गये हैं कि वे विस्फोट करके बांध को नुकसान पहुंचाने लगे हैं. यदि इस तरह की अवैध गितिविधियों पर प्रभावी रोक नहीं लगाई गई तथा जीर्ण - जीर्ण हो चुकी नहरों का मेन्टेनेन्स नहीं कराया गया तो पानी की उपलब्ध के बावजद भी गरीब किसानों के खेतों तक जरूरत के समय पानी नहीं पहुंच पायेगा.
पानी रोकने हुआ त्वरित प्रयास - वाष्र्णेय
जल संसाधन विभाग पन्ना के कार्यपालन यंत्री अखिल वाष्र्णेय ने स्वीकार किया कि पवैया बांध के स्लूस को अज्ञात आरोपियों द्वारा विष्फोट करके तोड़ा गया है. आपने बताया कि 24 अक्टूबर दशहर के दिन सुबह उन्हें इस बात की जानकारी हुई, फलस्वरूप त्वरित कार्यवाही करते हुए मिट्टी डलवाकर बांध के पानी को बहने से रूकवाया गया है. कार्यपालन यंत्री श्री वाष्र्णेय ने बताया कि उन्होंने निर्देश दिए हैं कि बांध का स्लूस विस्फोट करके तोडऩे वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ थान में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए ताकि आगे इस तरह की घटनायें न हों.