शासन द्वारा रेत खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के बाद भी कोई असर जिले में नहीं दिखाई दे रहा है। गत माह तक चंबल नदी में सीतामऊ क्षेत्र के खतरूखेड़ी, पारसी, साईंखेड़ी, चिमनगढ़, धतूरिया सहित आसपास के क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय रहे। शिकायतों पर खनिज विभाग ने कार्रवाई करते हुए दर्जनों ट्रैक्टर-ट्राॅली व उपकरण जब्त किए।
अब चंबल में पानी आने से रेत माफिया मल्हारगढ़ क्षेत्र में रेतम नदी पर सक्रिय हो गए हैं। गुरुवार सुबह रेतम नदी पर मनासाखुर्द के पास तेजी से रेत खनन शुरू हुआ। यहां दो जेसीबी व 15 ट्रैक्टर-ट्राॅलियों से माफिया नदी का सीना छलनी करने में लगे रहे। दोपहर तक करीब 10 ट्रैक्टर-ट्राॅली रेत निकाली जा चुकी थी। भास्कर को जानकारी लगने पर खनिज अधिकारी को मामले की जानकारी दी गई। खनिज निरीक्षक टीनू डाबर टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। खनन की जगह मनासाखुर्द से करीब दो तीन किमी अंदर होने पर गांव से किसी ने खनन माफिया को जानकारी दे दी। टीम मौके पर पहुंची तो ट्रैक्टर-ट्राॅली लेकर ड्राइवर नदी से होते हुए नीमच की तरफ भाग गए। रेत खनन करने वाले लोगों ने नदी में छलांग लगाकर दूसरी तरफ दौड़ लगा दी। टीम पहुंची तब तक सभी भाग चुके थे।
8 हजार रुपए तक बिक रही ट्राॅलीरेत पर प्रतिबंध के बाद उपलब्धता कम होने व मांग बनी रहने के कारण काली रेत के भाव आसमान छू रहे हैं। तीन से चार हजार रुपए में मिलने वाली एक ट्राॅली रेत के दाम 5 से 8 हजार रुपए तक पहुंच गए हैं। खनिज माफिया दिन व रातभर रेत निकालने का काम कर रहे हैं। राजस्व विभाग अधिकारियों की लापरवाही के चलते शासन को राेज राजस्व व नदियों से खनिज संपदा का नुकसान पहुंच रहा है। नदी के एक पाइंट से एक दिन में करीब 150 से 200 ट्रैक्टर-ट्राॅली तक रेती निकाली जा रही है।
पांच ट्रैक्टर-ट्राॅली जब्त किएमनासाखुर्द में टीम के पहुंचने से पहले ही सभी भाग गए लेकिन वापसी में टीम को पिपलियामंडी में जगह-जगह ट्रैक्टर ड्राइवर मिले जो रेत का परिवहन कर रहे थे। अवैध रेत व परिवहन होने पर खनिज निरीक्षक टीनू डामोर ने नगर से करीब पांच ट्रैक्टर-ट्राली रेत सहित जब्त की। सभी को पिपलियामंडी थाना परिसर में खड़ा कराया।
