मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में किसानों को प्राकृतिक आपदा और कीट प्रकोप से हुई फसल क्षति की राहत राशि वितरण कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में बीते माहों में हुई अतिवृष्टि-बाढ़ और सोयाबीन में पीला मोजेक रोग से हुए फसल नुकसान के लिए 13 प्रभावित जिलों के 8 लाख 84 हजार 772 किसानों को 653.34 करोड़ की राहत राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इसमें अतिवृष्टि/बाढ़ से हुई फसल क्षति से प्रभावित 3 लाख 90 हजार 167 किसानों को 331.34 करोड़ रूपये एवं पीला मोजेक/कीट व्याधि से हुई फसल क्षति से प्रभावित 4 लाख 94 हजार 605 किसानों को 322 करोड़ रुपये की राहत राशि शामिल है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी पीड़ित किसान भाईयों को राहत राशि देने और फसल सर्वे के कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। किसानों के चेहरे की खोई मुस्कान लौटाना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से 6 लाख 69 हजार से अधिक धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का अंतरण किया है। सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भी भावान्तर योजना शुरू की गई है। फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अन्तर की राशि सरकार सीधे किसानों को देगी। हम किसानों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों भाईयों के दुख-दर्द में हम आपके सेवक बनकर खड़े हैं। किसानों के माथे का पसीना बेकार नहीं जाएगा, आपकी मेहनत फिर से हरियाली का रूप लेकर प्रदेश को समृद्ध करेगी, हम सदैव आपके साथ हैं। राज्य सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है और उनके सुख-दु:ख में सहभागी है। हम प्रदेश के किसी भी किसान को आपदा में अकेला नहीं छोड़ेंगे।