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आदिवासी युवाओं में चढा आनलाईन जुएं का नशा

निशा राठौर, झाबुआ.

आज कल के युवाओ को आनलाईन जुआ खेलने की लत पढने लग गई हे। यह लत बच्चों में इस हद तक पढ गई है कि बच्चों व युवाओं को दिन भर इसके अलावा कुछ सुझता ही नही बच्चे घंटों मोबाईल में खोए रहते हे, जिससे इनका भविष्य अंधकारमय होते जा रहा है। एंड्रायड मोबाईल की दुनिया में लोकप्रिय हुए इस गेम में केन्डी क्रश सागा, पुल, तीन पत्ती, कसीनो वाला सट्टा जेसे गेम जहां बच्चों को पढाई से दूर कर रहे हे, वही मां बाप की मजा दौलत को भी ठिकाने लगाने का मोका ढूढ रहे हे। गली मोहल्लो में चलने वाले जुए सट्टो पर तो पुलिस की नजर रहती हे पर आनलाईन चलने वाला यह गेम पुलिस के लिए चुनौती से कम नही है। वैसे भी पुलिस इन आनलाईन चलने वाले जुए जैसे गेम पर किस तरह नजर रख लगाम लगायेगी यह सोचने वाली बात हे। तेजी से फैलती इस लत से युबाओं का भविष्य अंधकार मय होते जा रहा है।



आदिवासी अंचल के युवाओं में चढा आनलाईन जुएं का नशा
ऐसे खेला जाता है आन लाईन
केन्डी क्रश सागा, तीन पत्ती, पुल, कसीनो जेसे आनलाईन खेले जाने वाले कार्डस एप्लीकेशनस गेम है, इनके माध्यम से युवा सोशलसाईट नेटवर्क फेसबुक जीमेल सहित अन्य चेटींग साईड के माध्य से अपने दोस्तों को आनलाईन गेम खेलने के लिए आमंत्रित करता है। इस एप्स को डाउनलोड करने के बाद वह गेम खेलना शुरू करता हेै, जिसमें एक-दो से पांच दोस्त मिलकर इसको खेलते है, इसके दो रूप होते हे। एक प्राइवेट दुसरा पब्लिक, पब्लिक रूम का आप्शन यूज करने पर यूजर के आनलाइन दोस्त गेम खेलते है, मगर प्राइवेट रूम के माध्यम से यूजर दोस्तों को आमंत्रित करता है, जिसमें किसी अन्य यूजर का हस्तक्षेप नही होता है। दोस्त चाहे तो आपस में पैसा लगाकर भी गेम खेल सकता है। यही से होती है आनलाइन जुए की शुरूआत। एप्स यूजर को 1500 से 3 हजार चीप तक रोजाना उपलब्ध करवाता हे। मार्केट में 1 लाख चीप पे 40 से 50 रूपए मिलते हेै। बताया जाता हेै कि एक करोड चीप हो जाने पर ऐप्स खुद 1500 रूपए देता है।

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