भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं बहनों की आँखों में आँसू नहीं, सशक्त आत्म-विश्वास से भरी मुस्कान देखना चाहता हूँ। ईश्वर ने मुझे बहनों की जिंदगी बदलने के लिए मुख्यमंत्री बनाया है। हमारी सरकार बहनों के लिए सुख, समृद्धि, सुरक्षा और आनंद के मार्ग के साथ उनकी प्रगति के अवसर निर्मित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए, इस उद्देश्य से ही प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गई। इसी क्रम में बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण, आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान के लिए लाड़ली बहना योजना आरंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान चैत्र, शुक्ल और प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा पर "लाड़ली बहनों के संग- नवसंवत्सर पर्व" कार्यक्रम में मुख्यमंत्री निवास पहुँची बहनों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं, भाई के रूप में अपनी बहनों से बात कर रहा हूँ। यह वास्तविकता है कि माँ, बहन, बेटियों के साथ अन्याय हुआ है। यह भी वास्तविकता है कि समाज की मानसिकता के कारण बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता था और समाज में बहन-बेटियों को दूसरे दर्जे का नागरिक बन कर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियाँ यह दर्द, बेचैनी और पीड़ा क्यों सहें। इस स्थिति को बदलने के लिए ही हमारी सरकार ने बहन-बेटियों को सशक्त बनाने और उनके कल्याण के लिए योजनाएँ आरंभ की। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना हो या लाड़ली लक्ष्मी योजना, बेटियों के जीवन के हर कदम को सरल बनाने के लिए हमने प्रयास किए। इसी क्रम में महिलाओं को स्थानीय निकायों और पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उनके राजनैतिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी प्रयास किया। शासकीय नौकरियों में भी बेटियों को अधिक अवसर देने की व्यवस्था की गई है। पुलिस भर्ती में 33 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित करने का निर्णय भी लिया गया। मुझे विश्वास था कि बेटियों के हाथ में बंदूक और डंडा दूँगा तो वे गुंडों की अकल ठिकाने लगा देंगी।
