भोपाल। न्यायाधीश संदीप कुमार श्रीवास्तव ने ईटेंडर के आरोपियों विनय चौधरी,वरुण चतुर्वेदी ,सुमित गोलवलकर ,नंदकिशोर ब्रमम्हे ,मनीष खरे और मनोहर को सन्देह का हवाला देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। आरोपियों में नंदकिशोर ब्रमम्हे एमपीएसईडीसी का तत्कालीन ओएसडी रहा है और शेष आरोपीगण ठेका लेने वाली कंपनियों के कर्ताधर्ता हैं।
एक आरोपी हरेश सोरठिया फरार है। राज्य सरकार ने अपने विभागों के निर्माण कार्यों के टेंडरों को इंटरनेट आधारित ईटेंडर के माध्यम से संचालित करने हेतु एमपीएसईडीसी को नोडल संस्था बनाया था। ईओडब्ल्यू ने अप्रैल 2019 को मप्र राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम द्वारा ई-टेंडर की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर अलग-अलग 9 मामले दर्ज किए थे । इनमें से एक मामले में ही फैसला आया है। शेष मामलों में विवेचना की जा रही है। जिन मामलों में विवेचना की जा रही है उनमें मंत्री नरोत्तम मिश्रा के तत्कालीन निज सचिव वीरेंद्र पाण्डेय और फर्राश निर्मल अवस्थी सहित अन्य आरोपी शामिल हैं।